अंतरराष्ट्रीय सीमाएं (International Borders): अंतराष्ट्रीय सीमा रेखाओं के नाम व वो किन देशों के मध्य स्थित हैं

अंतरराष्ट्रीय सीमाएं (International Borders) – दोस्तों हम आज के अपने जनरल नॉलेज के सेशन में बात करने वाले हैं अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के बारे में l इसमें हम बात करेंगे कि कौन से देश की सीमाओं को के नामों से पुकारा जाता हैl यह आपके आने वाले एग्जाम में भी पूछा जा सकता है, इसलिए हम इसके बारे में डिटेल में यहां बात करेंगे

International Borders

डूरंग  रेखा (Durang Line) – डूरंग रेखा (Durand Line) अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा है। यह रेखा 1893 में अफगान राजा अमीर अब्दुल रहमान खान और ब्रिटिश राज चलाते हुए इस्तेमाल की गई थी। इस सीमा रेखा का उद्देश्य था कि अफगानिस्तान और ब्रिटिश राज के इलाके को अलग किया जाए ताकि दोनों देशों के सीमांत विवादों को समाधान करने में मदद मिल सके। आज भी इस सीमा रेखा पर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच कई तनाव हैं।

मैकमाहोंन रेखा (McMahon Line) – मैकमाहोंन रेखा (McMahon Line) भारत और चीन के बीच एक सीमा रेखा है। यह रेखा भारतीय ब्रिटिश राज के अधीनता के दौरान 1914 में चीन और तिब्बत के बीच सीमा के रूप में स्थापित की गई थी। इस सीमा रेखा को चीन द्वारा मान्यता नहीं दी जाती है और इसे चीन-भारत सीमा विवाद का एक मुख्य कारण माना जाता है।

रेडक्लिफ रेखा (Redcliffe Line) – रेडक्लिफ रेखा (Radcliffe Line) भारत और पाकिस्तान के बीच एक सीमा रेखा है। यह रेखा 1947 में भारत के विभाजन के समय लॉर्ड रेडक्लिफ द्वारा बनाई गई थी। इस सीमा रेखा के माध्यम से भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षों और सीमांत विवादों को समाधान करने का प्रयास किया गया था।

17वी समांतर रेखा (17th Parallel) – 17वीं समान्तर रेखा (17th parallel) दक्षिण वियतनाम के बीच एक समांतर रेखा थी। इस रेखा का उद्देश्य वियतनाम के उत्तरी और दक्षिणी भागों को विभाजित करना था। यह रेखा वियतनाम युद्ध (1954-1975) के दौरान उपयोग में आई थी जब वियतनाम के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों के बीच एक संघर्ष चल रहा था। यह रेखा वर्तमान में नहीं है और वियतनाम एक एकीकृत देश के रूप में मौजूद है।

24वी समांतर रेखा (24th Parallel) – 24वीं समान्तर रेखा (24th parallel) दक्षिणी भारत और दक्षिणी पाकिस्तान के बीच एक समांतर रेखा है। इस रेखा को भारत-पाकिस्तान सीमा विवाद के दौरान 1972 में स्थापित किया गया था। इस रेखा को भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा के रूप में मान्यता दी गई है।

38वी समांतर रेखा (38th Parallel) – 38वीं समान्तर रेखा (38th parallel) उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी कोरिया के बीच एक समांतर रेखा है। इस रेखा का उपयोग कोरिया के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों के बीच सीमा के रूप में किया जाता है। 1953 में जब कोरिया युद्ध समाप्त हुआ तो सीमा रेखा के अनुसार एक संघर्ष समाप्त हुआ था और इससे पूर्व के उत्तरी और दक्षिणी कोरिया के बीच एक बाड़ था।

49वी समांतर रेखा (49th Parallel) – 49वीं समान्तर रेखा (49th parallel) उत्तरी अमेरिका और कनाडा के बीच एक समांतर रेखा है। इस रेखा का उपयोग अमेरिका और कनाडा के बीच सीमा के रूप में किया जाता है। इस सीमा के निर्धारण में 19वीं शताब्दी में दोनों देशों के बीच समझौते हुए यह रेखा निर्धारित की गई थी। 49वीं समान्तर रेखा के पूर्व में कनाडा होता है जबकि इसके पश्चिम में अमेरिका होता है।

हार्डेनबर्ग रेखा (Hardenberg Line) – हार्डेनबर्ग रेखा एक इतिहासी सीमा रेखा है जो पहले प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी में बनाई गई थी। इस रेखा को 1945 में उत्तर पश्चिम जर्मनी को प्रशासित करने वाली तीन ब्रिटिश क्षेत्रों का आधार बनाने के लिए उपयोग किया गया था। इस रेखा को प्रत्येक सीमा चौड़ाई 5 किलोमीटर (3 मील) थी और इसे बार्टोलोमियस गोम्बर्ग (Bartholomeus Graf von Mer veldt) द्वारा बनाया गया था। इस रेखा के बाद जर्मनी को पूरी तरह से दो भागों में विभाजित कर दिया गया था, जो पश्चिमी जर्मनी और पूर्वी जर्मनी के रूप में जाना जाता है।

ओडरनास रेखा (Order-Neisse Line) – ओडरनास नदी एक प्रमुख नदी है जो जर्मनी के पश्चिमी भाग में बहती है। इसके अलावा, ओडरनास रेखा भी एक सीमा रेखा है जो फ्रांस और जर्मनी के बीच में है। इस रेखा का नाम ओडरनास नदी से लिया गया है जो इस रेखा के माध्यम से बहती है। यह रेखा प्राचीन जमीनी सीमा के रूप में इस्तेमाल की जाती थी, और यह फ्रांस के राजा लुड्विग XVI द्वारा अपने सभी तरफ से जर्मनी को घेरने के लिए बनाई गई थी।

मैगीनाट रेखा (Maginot Line) – मैगीनाट रेखा दुनिया की एक प्रमुख समकक्ष रेखा है जो विद्युतचुंबकीय क्षेत्र के बढ़ते अधिकार के कारण उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र के आसपास घूमती है। इस रेखा के नाम पर अलेक्सांडर वॉन मैगीनस ने इसे आविष्कार किया था। यह रेखा अल्टिमेट जियो मैग्नेटिक रेखा भी कहलाती है। इस रेखा का अधिकांश हिस्सा कनाडा में होता है और इसकी लम्बाई लगभग 5000 किलोमीटर होती है।

सीजफ़्राईड रेखा (Siegfried Line) – सीजफ्राईड रेखा दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में एक अहम समकक्ष रेखा है जो विद्युतचुंबकीय उत्प्रेरण के कारण दिखाई देती है। यह रेखा नामकरण सीजफ्राईड के नाम पर की गई है, जो इसे 1831 में पहली बार देखा था। इस रेखा की लंबाई लगभग 16,000 किलोमीटर है और यह दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों से गुजरती है। यह रेखा दुनिया की लगभग सभी रेखाओं में सबसे लंबी है।